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प्रधानमंत्री ने की सरपंचों से बात, कहा- ‘गांव की हर संपत्‍ति की मैपिंग कर दिए जाएंगे प्रमाणपत्र’

नई दिल्‍ली। National Panchayati Raj Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पंचायती राज दिवस के मौके पर देश के सरपंचों को बधाई दी। उन्‍होंने ई स्‍वराज पोर्टल मोबाइल एप व स्‍वामित्‍व योजना का शुभारंभ करते हुए इसकी महत्‍ता बताई। साथ ही कहा कि कोरोना संकट से हमें संदेश मिलता है कि हम आत्‍मनिर्भर बनें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘किसान का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। वो हमारा अन्नदाता है। किसान और पशुपालक साथियों ने लॉकडाउन के समय देश को अनाज, दूध, दही, फल की कमी नहीं होने दी।’ 

प्रधानमंत्री ने देश के चुनिंदा सरपंचों से बात कर उनसे लॉकडाउन के दौरान परेशानियों के बारे में पूछा साथ ही उन्‍हें भेजी जाने वाली रकम संबंधित सवाल भी किए जिसका सरपंचों ने संतोषजनक जवाब दिया। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने उनसे गांवों में सैनिटाइजेशन के इंतजामों का भी ब्‍यौरा लिया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘गांवों में संपत्ति को लेकर जो स्थिति रहती है ‘स्वामित्व योजना’ इसी को ठीक करने का प्रयास है। इसके तहत ड्रोन के माध्यम से देश के सभी गांवों में हर संपत्ति की मैपिंग की जाएगी। इसके बाद गांव के लोगों को उस संपत्ति का मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इससे शहरों की ही तरह गांवों में भी लोन ले सकते हैं। जब आपके पास स्वामित्व होगा तो उस सं​पत्ति के आधार पर आप बैंक से लोन ले सकते हैं। अभी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में इस योजना को प्रारंभिक तौर पर शुरू कर रहे हैं।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत शुरू करते हुए कहा, ‘पंचायती राज दिवस के मौके पर कुछ लोगों को अच्छे कार्यों के लिए सम्‍मानित किया गया है उन्‍हें और गांव की जनता को बधाई। कोरोना ने हम सभी के काम करने के तरीके को बहुत बदल दिया है। पहले हम किसी कार्यक्रम को आमने-सामने रहकर करते थे। लेकिन आज वही कार्यक्रम वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से करना पड़ रहा है। आज इस कार्यक्रम में जुड़े सभी लोगों का मैं स्वागत करता हूं।‘ उन्‍होंने कहा, ‘मैं इस कार्यक्रम के माध्यम से एक संदेश देना चाहता हूं। कोरोना संकट ने हमें आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया है। बिना आत्मनिर्भर बने ऐसे संकटों से निपटना मुश्किल है। कोरोना महामारी ने हमारे लिए अनेक मुसीबतें पैदा की हैं, जिनकी हमने कभी कल्पना तक नहीं की थी।’