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2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे कम वोट से जीते थे केजरीवाल के 2 मंत्री

नई दिल्ली । दिल्ली में वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने रिकॉर्ड 67 सीटें जीतकर चुनावी पंडितों और बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों को अचरज में डाल दिया था। हालांकि, वर्ष 2013 के बाद करीब एक साल के अंतराल पर राजधानी में दोबारा हुए इस चुनाव में नौ सीटों पर कांटे का मुकाबला हुआ था, जहां प्रत्याशियों के बीच जीत-हार का अंतर काफी कम था। इन नौ सीटों में से सात पर AAP प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी, जबकि दो सीटों पर भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे थे। कम अंतर से जीतने वाले प्रत्याशियों में दो मंत्री कैलाश गहलोत व सत्येंद्र जैन और किरण बेदी शामिल थीं।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत वर्ष 2015 में सबसे कम अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी रहे थे। नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र से आप प्रत्याशी गहलोत को 55,598 मत मिले थे, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रत्याशी भरत सिंह को 54,043 मत प्राप्त हुए थे। कैलाश गहलोत ने भरत सिंह को 1,555 मतों के मामूली अंतर से हराया था। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन सबसे कम अंतर से जीतने वाले दूसरे प्रत्याशी थे। शकूरबस्ती विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरे सत्येंद्र जैन ने 51,530 मत प्राप्त कर भाजपा के एससी वत्स को मात्र 3,133 मतों के अंतर से हराया था। वहीं, एसके बग्गा की जीत का अंतर भी ज्यादा नहीं था। कृष्णानगर विधानसभा सीट चुनाव लड़ने वाले एसके बग्गा ने 65,919 मत हासिल कर भाजपा की किरण बेदी को 2,277 मतों से परास्त किया था।

वर्ष 2015 में पांच ऐसी सीटें भी रहीं, जहां जीत का अंतर 60 हजार से अधिक का रहा। इसमें विकासपुरी सीट से आप के महेंद्र यादव ने सर्वाधिक 77,665 मतों से भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह को हराया था। आप के प्रत्याशी संजीव झा ने भाजपा के गोपाल झा को बुराड़ी विस से 67,950 मतों के भारी अंतर से हराया था। इसके अलावा आप के प्रत्याशी अमानतुल्लाह खां ने 64,532, प्रकाश जारवाल ने 63,937 और संदीप कुमार ने 64,439 मतों के अंतर से भाजपा प्रत्याशियों को हराया था।