Indian Railways: अब सभी ट्रेनों के डिब्बे होंगे और भी ज्यादा ‘स्मार्ट’, जानें क्या होगी खासियत
नई दिल्ली। यात्री डिब्बों के उत्पादन में विश्व रिकार्ड बनाने के बाद भारतीय रेलवे ने अब डिब्बों को इंटेलीजेंट और स्मार्ट बनाने की दिशा में काम शुरू किया है। इसके तहत डिब्बों को सुविधाजनक, आरामदेह और सुरक्षित बनाने के लिए सेंसर लगाए जाएंगे। इसके लिए स्मार्ट कोच परियोजना प्रारंभ की गई है जिसका मकसद यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करना है। इस मुहिम के परिणाम लोगों को इसी वर्ष से दिखाई देने लगेंगे।
यात्री डिब्बों के उत्पादन, संवर्द्धन और आधुनिकीकरण के इस महायज्ञ में रेलवे के 2000 से ज्यादा अधिकारी तथा तीन लाख से ज्यादा कर्मचारी अपनी मेधा और परिश्रम की आहुति दे रहे हैं और डिजिटाइजेशन और ऑटोमेशन के जरिए यात्री डिब्बों का संपूर्ण कायाकल्प करने में जुटे हैं। इस विशालकाय टीम का मकसद आइओटी, सेंसर, स्काडा, नेटवर्किंग, एनालिटिक्स, डायग्नास्टिक्स, एलर्ट इत्यादि तकनीकों के माध्यम से यात्री डिब्बों को इतना सुविधा संपन्न और तीव्रगामी बना देना है ताकि यात्रियों के लिए रेल का सफर कभी न भूलने वाला अनुभव बन जाए।
दरअसल, स्मार्ट कोच की अवधारणा के पीछे ‘वंदे भारत’ की कामयाबी है। जिसने पहली बार रेलवे के इंजीनियरों को इस बात का एहसास कराया कि वे भी विश्वस्तरीय ट्रेन और कोच बना सकते हैं। वंदे भारत के कोच बनाने में पहली बार वैश्विक स्तर की तकनीक, कलपुर्जो और साज-सामान का उपयोग किया गया। इसके लिए आवश्यकतानुसार देश-विदेश की निजी क्षेत्र की कंपनियों की भी मदद ली गई। इससे रेलवे के इंजीनियरों को इस बात का भरोसा हो गया कि यदि उन्हें अपने हिसाब से काम करने की छूट मिले तो वे कोई भी करिश्मा कर सकते हैं।