दिल्ली में पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की एंट्री बैन! यूपी-हरियाणा समेत अन्य राज्यों के वाहन चालक न लें टेंशन, पढ़ें काम की खबर
नई दिल्ली. देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिवाली के बाद से हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. वहीं, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं. कुछ दिन पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की है कि 27 नवंबर से इलेक्ट्रिक और सीएनजी कमर्शियल वाहनों को एंट्री मिलेगी, जो कि आवश्यक सेवाओं में लगे हुए हैं. इसके अलावा पेट्रोल और डीजल के कमर्शियल वाहनों की एंट्री पर 3 दिसंबर तक पाबंदी रहेगी. हालांकि यूपी और हरियाणा समेत देश के अन्य राज्यों के वाहनों के दिल्ली में प्रवेश को लेकर इन दिनों भ्रामक खबर सोशल मीडिया पर तैर रही हैं.
इन खबरों में कहा जा रहा है कि 27 नवंबर से अगले महीने 3 दिसंबर तक दिल्ली में आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छोड़कर पेट्रोल और डीजल के वाहनों की एंट्री बैन है, लेकिन यह खबर एकदम गलत है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलौत मुताबिक, दिल्ली में सिर्फ पेट्रोल और डीजल से चलने वाले कमर्शियल वाहनों की एंट्री पर बैन है, इससे निजी वाहनों को कोई परेशानी नहीं होगी. साफ है कि दिल्ली में यूपी और हरियाणा समेत अन्य बाहरी राज्यों से आने वाले निजी वाहनों पर कोई रोक नहीं है. यानी वे पूर्व की तरह बिना किसी रोक टोक के आते-जाते रहेंगे. दरअसल दिल्ली से सटे यूपी और हरियाणा के कई जिलों से लोग जॉब या फिर अन्य वजह से रोजाना राजधानी आते जाते हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर तैर रही भ्रामक खबरों ने पेट्रोल और डीजल वाहन चालकों को परेशान कर दिया है.
दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जिन जगहों से दिल्ली सरकार के अधिकतम कर्मचारी आते हैं वहां के लिए बस चलाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि सरकार अपने कर्मचारियों के लिए दिल्ली सचिवालय से आईटीओ और इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशनों के लिए शटल बस सेवा भी शुरू करेगी. जबकि दिल्ली सरकार ने अपने कर्मचारियों को वायु प्रदूषण से निपटने और इसके स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए घर से काम करने के लिए कहा था. हालांकि सरकार ने 29 नवंबर से भी को फिर से ऑफिस बुलाने का फरमान जारी कर दिया है. वहीं, सोमवार से भी स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान खुल जाएंगे.
बता दें कि 18 नवंबर को दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से दिल्ली में गैर-जरूरी सामान लाने और ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इससे अब इलेक्ट्रिक और सीएनजी कमर्शियल वाहनों को छूट मिल गयी है, लेकिन पेट्रोल और डीजल के कमर्शियल वाहनों पर 3 दिसंबर तक रोक जारी रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण को देखते हुए निर्माण कार्यों पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है. कोर्ट ने इलेक्ट्रिकल, कारपेंट्री, इंटीरियर वर्क और प्लंबिंग कार्यों पर छूट दी है. वैसे वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को पहले ही प्रतिबंधित कर दिया है. इसके अलावा वैद्य पीयूसी को भी अब अनिवार्य है. अब बगैर वैद्य पीयूसी के वाहन चलाते पकड़े जाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है. यही नहीं, अगर वाहन का पीयूसी नहीं करवाया है तो 3 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रद्द हो सकता है.