अब पिंक लाइन पर दौड़ी बिना ड्राइवर के मेट्रो ट्रेन, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने दिखाई हरी झंडी
नई दिल्ली. दिल्ली मेट्रो की ओर से दिल्लीवालों को एक और सौगात दी गई है. दिल्ली मेट्रो रेल निगम की ओर से आज पिंक लाइन कॉरिडोर पर भी चालक रहित ट्रेन संचालन की शुरूआत की गई. डीएमआरसी की इस सेवा का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह संयुक्त रूप से आज सुबह 11.30 बजे वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर किया.
दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन सेवा पर शुरू की जाने वाली चालक रहित ट्रेन मजलिस पार्क से शिव विहार तक संचालित की जाएगी. चालक रहित ट्रेन संचालन (डीटीओ) की शुरूआत करने क के बाद अब डीएमआरसी नेटवर्क के तहत यह दूसरे कॉरिडोर की चालक रहित ट्रेन बन गई है. इससे पहले मेट्रो की ओर से मजेंटा मेट्रो रूट पर ड्राइवर लेस ट्रेन संचालित की जा रही है.
मेट्रो के मुताबिक पिंक लाइन का कुल रूट 57 किलोमीटर लंबा है. इस पर कुल स्टेशनों की बात की जाए तो इनकी संख्या 38 है. अब तक मेट्रो की ओर से रेपिड और नोएडा मेट्रो को मिलाकर कुल 391 किलोमीटर पर मेट्रो दौड़ रही है जिस पर कुल मेट्रो स्टेशनों की संख्या 286 है.
कुआलालंपुर और दिल्ली मेट्रो के बीच सिर्फ आधा किलोमीटर का फर्क
इस अवसर पर केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, दुर्गाशंकर मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. इस तकनीक में हम विश्व में चौथे स्थान पर हैं. मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर के पास 97 किलोमीटर लंबा ड्राइवरलेस सिस्टम हैं. हम इस तकनीक में तीसरे नंबर पर हैं. लेकिन दिल्ली मेट्रो और कुआलालंपुर के बीच में सिर्फ आधा किलोमीटर लंबे सफर का ही अंतर है.
केंद्रीय मंत्री पुरी ने विदेशों में 39 सालों तक काम करने के दौरान के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि अन्य देशों की मेट्रो की तुलना में दिल्ली मेट्रो विश्व में बेस्ट है. तकनीक, एफिशिएंसी और दूसरी चीजों के मामलों में मेट्रो बेस्ट है. उन्होंने कहा कि 65 प्रतिदिन सफर करने वाले आंकड़े कोरोना महामारी से पहले आए थे. कोरोना में कुछ बंद करना पड़ा और अब फिर से इसको 100 फीसदी यात्री के साथ शुरू कर दिया गया है. आने वाले सप्ताह में यात्रियों की संख्या में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है.
दुनिया के 7% मेट्रो के एलीट ग्रुप में प्रवेश किया
मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो का पूरी तरह से स्वचालित नेटवर्क बढ़कर लगभग 97 कि.मी. हो गया है, जो दुनिया में चौथा सबसे बड़ा और भारत में एकमात्र डीटीओ नेटवर्क है. मजेंटा लाइन पर डीटीओ सुविधा वर्ष 2020 में शुरू की गई थी जिसके साथ दिल्ली मेट्रो ने दुनिया के 7% मेट्रो की एक ऐसे एलीट ग्रुप में प्रवेश किया जो पूरी तरह से स्वचालित मेट्रो नेटवर्क संचालित करते हैं.
ट्रेन ऑपरेटरों पर बोझ कम होगा, डिपो में स्टेबलिंग लाइन पर पार्किंग अपने आप होगी
ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन, ट्रेन परिचालन में अधिक लचीलापन लाएगा तथा मानवीय हस्तक्षेप और मानवीय त्रुटियों को कम करेगा. यह कोचों की उपलब्धता में सुधार करने में भी मदद करेगा. ड्राइवरलेस ट्रेनें इंडक्शन से पहले की गई चेकिंग की मैन्युअल प्रक्रिया को खत्म कर देगी और बाद में ट्रेन ऑपरेटरों पर बोझ कम हो जाएगा. डिपो में स्टेबलिंग लाइन पर पार्किंग भी अपने आप हो जाएगी.
ट्रेनों का मेन्टेनेंस डाउन टाइम भी कम होगा
डीटीओ में, आरंभ में ट्रेन ऑपरेटर सहायता और आत्मविश्वास की भावना पैदा करने के लिए ट्रेन में मौजूद रहेगा. डीटीओ की उच्चस्तरीय डायगनोस्टिक विशेषताएं पारंपरिक समय-आधारित मेन्टेनेंस से स्थिति आधारित मेन्टेनेंस की ओर बढ़ने में मदद करेगी. इससे ट्रेनों का मेन्टेनेंस डाउन टाइम भी कम होगा.
एरोसिटी-तुगलकाबाद सिल्वर लाइन पर ड्राइवरलेस परिचालन होगा
फेज-4 के पूरा होने के बाद, जब पिंक और मजेंटा लाइन के विस्तार के साथ-साथ एरोसिटी-तुगलकाबाद सिल्वर लाइन पर ड्राइवरलेस परिचालन शुरु होने पर डीएमआरसी 160 कि.मी. डीटीओ युक्त कॉरिडोर के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ड्राइवरलेस मेट्रो नेटवर्क बन जाएगा.