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Nirbhaya Case: मुकेश को फांसी का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

नई दिल्ली। Nirbhaya Case : निर्भया कांड के दोषी मुकेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फैसला सुनाएगा। मुकेश ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वहीं, केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए मंगलवार को कहा कि यह याचिका स्वीकार करने लायक नहीं है। राष्ट्रपति द्वारा दोषी को माफी देने के अधिकार की समीक्षा का कोर्ट के पास सीमित अधिकार है। कोर्ट ने मुकेश और सरकार की दलीलें सुनकर बुधवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया। उधर, निर्भया का एक अन्य गुनहगार अक्षय बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करेगा।

न्यायमूर्ति आर भानुमति, अशोक भूषण और एस बोपन्ना की पीठ ने याचिका पर करीब ढाई घंटे तक दोनों पक्षों की बहस सुनी। मुकेश की ओर से वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश ने राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है। बिना सोच-विचार के जल्दबाजी में आदेश पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति को माफी देने का अधिकार एक संवैधानिक जिम्मेदारी है। सुप्रीम कोर्ट कुछ आधारों पर उसकी समीक्षा कर सकता है। अंजना प्रकाश ने कहा कि जेल अथॉरिटी से सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति के समक्ष मुकेश की डीएनए रिपोर्ट पेश नहीं की गई, जिससे साबित होता है कि वह दुष्कर्म में शामिल नहीं था।

मुकेश के वकील ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िता के शरीर में उसके डीएनए नहीं पाए गए। मुकेश उस दिन बस चला रहा था, लेकिन उसने न तो दुष्कर्म किया और न ही पीड़िता को मारने में उसका कोई हाथ था। उसे एकांत कारावास में रखा गया और जेल में उसके साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया गया। इन चीजों पर विचार होना चाहिए था।