पुलिसवालों ने बनाया शराब का सिंडिकेट, पर्दा उठा तो दारोगा से लेकर सिपाही तक सस्पेंड, जानें पूरी कहानी
सीतामढ़ी. बिहार में एक बार फिर से वर्दी पर दाग लगे हैं. शराब तस्करी में सीतामढ़ी के दो दारोगा के नाम आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप की स्थिति है. इस घटना के बाद शराबबंदी अभियान की सफलता पर भी सवाल खड़े हुए हैं. इसके साथ ही किस तरीके से पुलिस वाले ही नीतीश कुमार की इस मुहिम को फेल करने में भिड़े हैं, इसका भी खुलासा हुआ है. शराब तस्करी में वर्दी के रसूख का इस्तेमाल करके माफिया मालों माल हो रहे थे और पुलिस वाले भी मोटी कमाई के जरिए अपने जेब गर्म कर रहे थे.
घटना के सामने आने के बाद सीतामढ़ी के एसपी का बयान आया है. एसपी मनोज तिवारी ने बताया कि शराब तस्करी में लिप्त दोनों दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है और विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है. फिलहाल दोनों दारोगा फरार है. फरार दारोगा में जितेंद्र सुमन और रामप्रवेश उरांव शामिल हैं. दोनों आरोपी दरोगा सीतामढ़ी के नगर थाना और महिला थाने में पदस्थापित थे. मामले का खुलासे होने के बाद यह साफ हो गया है कि दोनों दारोगा व्यापक तौर पर शराब की तस्करी में शामिल थे और शराब तस्करी के इस गिरोह में दूसरे कई खाकी वाले भी शामिल हैं, जिसकी जांच की जा रही है.
मुजफ्फरपुर थाना की कांटी पुलिस ने सीतामढ़ी पुलिस के एक सिपाही समेत पांच लोगों को जब शराब की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार किया तो शराब तस्करी मामले में सीतामढ़ी पुलिस की संलिप्तता सामने आई और इस रैकेट में पुलिस वाले किस कदर सक्रिय थे, इस बात का भी खुलासा हुआ है. फिलहाल सीतामढ़ी एसपी का बयान सामने आया है जिसमें मनोज तिवारी ने बताया है कि फिलहाल गिरफ्तार सिपाही एवं फरार दोनों दरोगा को निलंबित कर दिया गया है और उन सभी पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है. इतना ही नहीं मामले की जांच को लेकर भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर के कांटी में शराब तस्करी मामले में पुलिस ने खुलासा किया था, जिसमें एक लग्जरी बस से भारी पैमाने पर शराब बरामद की गई थी. पुलिस ने इस मामले में सीतामढ़ी पुलिस बल में तैनात एक कांस्टेबल अनिमेष पटेल को गिरफ्तार किया था.