PACL UPDATE: Sebi ने निवेशकों को किया आगाह, कहा फर्जी ई-मेल पर न दें ध्यान
नई दिल्ली। PACL के निवेशकों के लिए एक नई खबर आई है। बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों को सतर्क किया है कि उसने रिफंड के लिए न तो किसी व्यक्ति को अधिकृत किया है और न ही किसी को रिफंड के लिए अथॉरिटी लेटर जारी किया है। सेबी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जस्टिस आर एम लोढ़ा के नेतृत्व वाली कमेटी को निवेशकों से ऐसी शिकायतें मिली हैं कि उन्हें sebi.pacl@sebirefunds.org से ईमेल मिल रहे हैं कि वे रिफंड के दावे के लिए आवेदन फॉर्म दाखिल करें।
sebi.pacl@sebirefunds.org द्वारा भेजे जाने वाले ईमेल में निवेशकों को सेबी द्वारा जारी किया गया अथॉरिटी लेटर दिखाया जा रहा है जो रवि शंकर, आईएएस के नाम है। ईमेल के अनुसार उन्हें रिफंड से जुड़े मुद्दों को निपटाने की जिम्मेदारी दी गई है। इस संदर्भ में सेबी ने स्पष्ट किया है कि ‘यह सूचित किया जाता है कि कमेटी/सेबी ने न तो रिफंड से जुड़े मसलों के लिए किसी व्यक्ति को अधिकृत किया और न ही किसी को अथॉरिटी लेटर जारी किया है।’ सेबी ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस ईमेल का सेबी या कमेटी से कोई वास्ता नहीं है।
नियामक ने कहा है, ‘निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। अगर कोई ऐसा ईमेल आता है तो उस पर कदम न उठाएं। निवेशकों से यह भी अनुरोध है कि वे झांसे में न आएं और न ही किसी झूठे वादे पर भरोसा करें।’ सेबी ने कहा है कि PACL के निवेशकों से जुड़े रिफंड की जानकारी समय-समय पर सेबी की वेबसाइट www.sebi.gov.in पर उपलब्ध कराई जाती है।
पीएसीएल ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर लोगों से पैसे जुटाए थे। सेबी ने पाया कि 18 साल की अवधि में PACL ने अवैध कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम्स (CIS) के जरिये लोगों से 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई थी।