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आगामी बजट में वाहनों पर सरकार ने घटाई GST दर तो मिलेगी इंडस्ट्री को रफ्तार

नई दिल्ली। ऑटोमोबाइल क्षेत्र को आगामी आम बजट से कई उम्मीदें हैं। वर्ष 2019 वाहन उद्योग की दृष्टि से संकटकाल जैसा रहा है। आगे भी ऐसा माहौल नहीं रहे, इसके लिए उद्यमियों द्वारा केंद्र सरकार से आने वाले बजट में विशेष रियायत मांगी जा रही है। इस समय ऑटोमोबाइल क्षेत्र की सबसे बड़ी मांग यह है कि वाहनों पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की दर को घटाया जाए। गुरुग्राम देश का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल हब है। यहां मारुति, होंडा, हीरो मोटोकॉर्प और सुजुकी मोटरसाइकिल जैसी बड़ी वाहन निर्माता कंपनियां हैं। इनके लिए ऑटो उपकरण बनाने वाली कंपनियों की संख्या सैकड़ों में है।

पहली फरवरी को केंद्रीय आम बजट लोकसभा में पेश होगा। इसे लेकर केंद्र सरकार को विभिन्न औद्योगिक संघों एवं संगठनों द्वारा सुझाव दिए जा रहे हैं। गुरुग्राम के विभिन्न औद्योगिक एसोसिएशनों द्वारा भी बजट से संबंधित सुझाव देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि इस क्षेत्र के माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को विशेष प्रोत्साहन की दरकार है। जबसे ऑटोमोबाइल क्षेत्र में सुस्ती का दौर शुरू हुआ है, तब से अब तक एमएसएमई श्रेणी के उद्योगों की हालत काफी खराब है। बैंकों से मिलने वाले कर्ज में विशेष रियायत की मांग हो रही है। वहीं मशीनों की खरीद में विशेष सब्सिडी के साथ-साथ नई टेक्नोलॉजी से भी इस श्रेणी के उद्योगों को अपग्रेड किया जाए। उद्यमी कह रहे हैं कि लिथियम आयन बैटरी पर लगने वाले शुल्क को समाप्त किया जाए। पिछले एक साल से वाहनों की बिक्री में गिरावट से जूझ रहे ऑटोमोबाइल क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए कबाड़ नीति जल्द लाने की मांग हो रही है।

ऑटो पार्ट्स मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गुरपरगट सिंह काहलों ने कहा कि उद्योग को सबसे बड़ा नुकसान 28 फीसद जीएसटी से हो रहा है। पार्ट्स पर जीएसटी की दर को 28 से कम कर 12 फीसद करना अनिवार्य है। इससे उद्योग में जान आएगी। इंडस्ट्री की उत्पादन लागत कम करने के लिए कैपिटल गुड्स की खरीद पर ब्याज दर चार फीसद की जाए। लागत कम करने के लिए कॉमन सुविधाएं, रिसर्च को प्रोत्साहित किया जाए।

दीपक मैनी, मैनेजिंग डायरेक्टर, डीएम ऑटोमोटिव ने कहा, “ऑटोमोबाइल क्षेत्र की लंबी सुस्ती से यह क्षेत्र पूरी तरह से परेशान हो गया है। आने वाले आम बजट से इस क्षेत्र की काफी उम्मीदें जुड़ी हैं। यदि इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिला, तो रौनक फिर से लौट आएगी। वहीं इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं का भी विकास होगा।”