US Drug Trafficking: नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने फेंटेनाइल प्रीकर्सर (नशीले पदार्थ) की तस्करी में संलिप्तता के आधार पर कुछ व्यावसायिक अधिकारियों और कॉर्पोरेट नेतृत्व का वीजा रद्द कर दिया है. बाद में उन्हें देने से इनकार कर दिया है. ये कार्रवाई आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 221(i), धारा 212(a)(2)(C), और 214(b) के तहत की गई है.
अधिकारी और उनके परिवार वाले नहीं कर पाएंगे अमेरिका की यात्रा
वीजा रद्द करने से अधिकारी और उनके परिवार के करीबी सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य हो सकते हैं. दूतावास उन कंपनियों से जुड़े अधिकारियों को भी सूचित कर रहा है जिनके बारे में ज्ञात है कि उन्होंने फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी की है, और यदि वे अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन करते हैं तो उनकी कड़ी जांच की जाएगी.
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परिणाम भुगतने होंगे : अमेरिका
अमेरिका ने साफ किया है कि मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों और संगठनों, साथ ही उनके परिवारों को, परिणाम भुगतने होंगे, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश से वंचित किया जाना भी शामिल हो सकता है.
ट्रंप ने भारत, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान को ड्रग्स उत्पादक देशों में शामिल किया
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, अफगानिस्तान, भारत और पाकिस्तान को उन 23 प्रमुख देशों में शामिल बताया है, जहां मादक पदार्थों का अवैध रूप से उत्पादन और तस्करी की जाती है. ट्रंप ने कहा कि अवैध नशीली दवाओं और इनके निर्माण में इस्तेमाल रसायनों के उत्पादन एवं तस्करी के जरिये ये देश अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के समक्ष खतरा पैदा कर रहे हैं.
भारत, पाकिस्तान, चीन के अलावा ये देश भी ड्रग्स उत्पाक देशों की सूची में शामिल
कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में सोमवार को पेश ‘प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन’ में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने 23 देशों की पहचान “मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल प्रमुख देशों के रूप में” की है. उन्होंने कहा कि इन देशों में अफगानिस्तान, बहामास, बेलीज, बोलीविया, म्यांमा, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, डोमिनिकन गणराज्य, इक्वाडोर, अल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला, हैती, होंडुरास, भारत, जमैका, लाओस, मैक्सिको, निकारागुआ, पाकिस्तान, पनामा, पेरू और वेनेजुएला शामिल हैं.