डिब्रूगढ़ के सांसद रामेश्वर तेली ने 30 मई की शाम जैसे ही कैबिनेट राज्य मंत्री की शपथ ली, उनका नाम अचानक राष्ट्रीय फलक पर चर्चा में आ गया.
असम के दुलियाजान क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके रामेश्वर तेली साल 2014 में डिब्रूगढ़ सीट से बीजेपी की टिकट पर पहली बार सांसद बने थे लेकिन बीते पांच सालों में वे राष्ट्रीय राजनीति में कोई ख़ास पहचान नहीं बना सके.
बावजूद इसके तेली को नरेंद्र मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया है. कभी खेतों में ठेला खींचने वाले तेली ने इससे पहले अपने राजनीतिक जीवन में इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी कभी नहीं निभाई है.
48 साल के तेली चाय जनजाति समुदाय से आते हैं. उन्होंने ऑल असम टी ट्राइब स्टूडेंट्स यूनियन में बतौर छात्र नेता काम करते हुए इलाके में अपनी राजनीतिक ज़मीन तैयार की. तेली जिस विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र से आते है उन सीटों पर चाय जनजाति के मतदाताओं के वोट निर्णायक होते है. छात्र संगठन में काम करने के दौरान ही तेली ने अपने इलाके के चाय जनजाति समुदाय के लोगों में अच्छी पकड़ बना ली थी.
रामेश्वर तेली ने नई जिम्मेदारी को लेकर बीबीसी से कहा, “वैसे तो मैं विभाग में नया हूं. लेकिन केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरप्रीत कौर बादल से विभागीय अनुभव ले रहा हूं. अधिकारियों से भी चीज़ें समझने की कोशिश कर रहा हूं. राज्य मंत्री के तौर पर मुझे पूरे देश के हर तबके के लिये बराबर सोचना होगा. “